गाते जीवन का मधुर गीत,
आ गया आज, कल गया बीत,
इस मधु-बेला में महासिन्धु के बीच उठी हिल्लोर, देख।
खग चले क्षितिज की ओर, देख।

हो चले सभी बंदी तारक,
चल दिया चाँद, यह सोच, आह रोता है आज चकोर, देख।
खग चले क्षितिज की ओर, देख।

यह एक समय सुखमय दुखमय,
हैं गीत दुखी ले है मधुमय
मैं एक, किसी को रात बना, बन गया किसी को भोर, देख।
खग चले क्षितिज की ओर, देख।

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