कविता संग्रह
सेनानी सुभाष
स्वातंत्र्य पंथ के अमर पथिक, योद्धा, मृत्युंजय सेनानी। युग-युग की परवशता के प्रति तुमने रण करने की ठानी ।। तुम देख चुके थे जीवन में निज जन्म भूमि की बरबादी, तुम समझ चुके थे, माँगे से मिलती न कभी भी आजादी अपने युग के नेताओं के सिद्धान्त नहीं तुमने माने, Read more…