कविता संग्रह
जवानी!
मनहर पूनम की रात में, लख तारों की बारात में पूछा चंदा से- बता, जवानी किसको कहते हैं ? सीने पर अगणित घाव हों फिर भी जीने के चाव हों मुझ से मस्तानी चाल हों गर्वोन्नत जिसका भाल हो सुख-दु:ख दोनों से प्यार हो संघर्ष गले का हार हो जो जग Read more…